TVF Pitchers Season 2 Review: वेब शोज की दुनिया में कंटेंट के असली ‘पिचर्स’ यानी TVF अपनी सुपरहिट वेब सीरीज Pitchers के दूसरे सीजन के साथ वापस आ गई है. ये सीरीज पूरे 7 सालों बाद अपना दूसरा सीजन लाई है. 7 साल पहले कॉलेज से निकले 4 दोस्तों ने एक कंपनी शुरू की थी. 7 सालों बाद अब इस सफर में 4 नहीं 3 ही दोस्त बचे हैं. जीतेंद्र कुमार ने इस सीरीज और इस कंपनी से अलविदा कह दिया है. सीजन 2 में इन चारों की कंपनी प्रगति के सफर को अब आगे बढ़ाया गया है. इस स्टार्टअप की कहानी अब ‘प्रगति 2.0’ के सफर पर आगे बढ़ रही है. आइए बताते हैं, 5 एपिसोड की ये वेब सीरीज एंटरपेन्योर की जिंदगी को कैसे सामने रखती है.
7 साल बाद सटीक टोन के साथ आई ‘पिचर्स सीजन 2’
7 साल पहले जब टीवीएफ के इस शो का पहला सीजन आया था, तब इन पिचर्स की दुनिया दर्शकों के लिए बेहद नई थी. लेकिन इस बीच ‘स्कैम 1992’ और ‘द बिग बुल’ जैसा कंटेंट सामने आ चुका है. साथ ही बिजनेस की दुनिया से दूर रहने वाले लोगों ने भी ‘शार्क टैंक इंडिया’ की मदद से टर्नओवर, इक्विटी जैसे शब्द सुने और समझ लिए हैं. लेकिन इस सब के बीच ‘पिचर्स सीजन 2’ बिलकुल सटीक टोन के साथ वापस लौटा है. शो के दूसरे सीजन में आपको 5 एपिसोड देखने को मिलेंगे और सभी एपिसोड 45 मिनट और 1 घंटे की अच्छी-खासी लेंथ वाले हैं. सभी एपिसोड आपको बांधे रखने और कहानी से जोड़े रखने का काम करते हैं.
‘तू बीयर है’ के बाद अब ‘तू व्हिस्की है’
सीजन 2 में नवीन बंसल, योगी और सौरभ मंडल अपनी कंपनी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए के.सी. एंटरप्राइसेस के साथ डील क्रैक करने की कोशिश में लगे हैं. प्रगति को लॉन्च करने से लेकर उसके लिए इनवेस्टर ढूंढने और एक स्टार्टअप के लिए फंडिंग लाने के सारे स्ट्रगल को इस सीरीज में खूबसूरती से दिखाया गया है. पहले सीजन में जहां भाटी, नवीन को समझाता है कि ‘तू बीयर है’. अब नए सीजन में वह आगे बढ़ गया है और अब उसे ‘तू व्हिस्की है’ बनाकर बताया गया है.
दरअसल ये सीरीज हर उस पहलू को छूती है, जो एक स्टार्टअप कंपनी शुरू करने वाले फाउंडर्स झेलते हैं. ‘एन आइडिया केन चेंज योर लाइफ’ वाले फंडो के बीच इस सीरीज में आप समझ पाते हैं कि स्टार्टअप के लिए आइडिया से ज्यादा स्ट्रगल उसके लिए पैसा इकट्ठा करने में लगता है. 5 एपिसोड की ये कहानी हर पहलू पर रीयलिस्टिक है. न तो इमोशन्स का ओवरडोज है और न ही कमी. कहानी स्टार्टअप कल्चर को पूरी तरह स्क्रीन पर उतार कर रख देती है. अच्छी बात ये है कि अगर आप इस कल्चर से रूबरू भी नहीं है, तब भी आपको ये सीरीज बांधे रखेगी.

‘पिचर्स’ के क्रिएटर अरुणाभ खुद इस सीरीज में योगी भैया बने हैं.
क्रिएटर अरुणाभ की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने वेब की दुनिया में अच्छे ‘कंटेंट की मास्टरक्लास’ जो टीवीएफ के जरिए शुरू की है, वो वाकई कमाल है. इस साल टीवीएफ ने ‘पंचायत 2’, ‘गुल्लक 3’, ‘एस्पिरेंट’, ‘सास बहू अचार लिमिटेड’, ‘ट्रिपलिंग’ जैसी कई शानदार सीरीज दर्शकों को दी हैं. अरुणाभ खुद इस सीरीज में योगी भैया बने हैं और ये किरदार आपको खूब पसंद आएगा. एक्टिंग के मामले में इस सीरीज का हर एक्टर अपने-अपने किरदार में रचा बसा नजर आता है. एक टफ कॉम्पटीटर के तौर पर नजर आ रहे सिकंदर खेर से लेकर भाटी के किरदार में नजर आए अभिषेक बनर्जी तक, हर करेक्टर अपने एक टोन सेट कर चुका है और आपको ये टोन पसंद आएगी.
एक्टिंग के मामले में नवीन कस्तूरिया का पर्दे पर कन्विक्शन और अपने किरदार पर उनकी पकड़ गजब की है. नवीन चाहे पहले एपिसोड का हो या फिर आखिरी एपिसोड का, इमोश्नली इस किरदार की जर्नी को पर्दे पर नवीन ने शानदार तरीके से उतारा है. अपने डायलॉग से ज्यादा नवीन अपने साइलेंस से पर्दे पर कमाल करते हैं. इस एस्पिरेंट ने पिचर्स में भी टॉप किया है. सीरीज में नवीन जब भी इनवेस्टर्स के सामने पिच देते हैं, आप उसे खूब ध्यान से सुनेंगे.

अपने डायलॉग से ज्यादा एक्टर नवीन कस्तूरिया अपने साइलेंस से पर्दे पर कमाल करते हैं.
साथ ही ‘पिविट’ करने वाली कंपनियों से लेकर छोटी कंपनियों को एक्वायर करने वाली कंपनियों तक, पूरी सीरीज में बिजनेस की दुनिया के कई ऐसे उदाहरण सुनने को मिलेंगे कि मजा आ जाएगा. अगर वीकेंड पर आपका कुछ बेहद मजेदार देखने का मन है, तो ‘पिचर्स 2’ पर आपको अपना समय जरूर इनवेस्ट करना चाहिए.
डिटेल्ड रेटिंग
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स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
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Tags: Web Series
FIRST PUBLISHED : December 23, 2022, 17:31 IST